Jawahar Navodaya Class 6 Hindi Practice Set 3 : जवाहर नवोदय प्रवेश परीक्षा कक्षा 6 के लिए एडमिट कार्ड को जारी कर दिया गया है, इसकी परीक्षा तिथि 30 अप्रैल निश्चित की गई है, ऐसे में जो भी अभ्यर्थी परीक्षा में सम्मिलित होने वाले हैं उनके लिए हम हिंदी विषय के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों को लेकर आये हैं।
ऐसे में आप इन प्रश्नों का अध्ययन कर प्रवेश परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर जवाहर नवोदय में दाखिला ले सकेंगे, तो आप इन प्रश्नों को ध्यानपूर्वक जरूर पढ़ें –

भाषा (हिन्दी) निर्देश: इस खण्ड में पाँच अनुच्छेद हैं। प्रत्येक अनुच्छेद के अन्त में पाँच प्रश्न पूछे गए हैं। प्रत्येक अनुच्छेद को ध्यान से पढ़िए और उस पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए। प्रत्येक प्रश्न के लिए चार संभावित उत्तर हैं जिन्हें 1, 2, 3 और 4 क्रम में दिया गया है। इनमें से केवल एक ही सही है। आप सही उत्तर चुनकर संलग्न उत्तर-पुस्तिका में हर प्रश्न के आगे दिये गये बॉक्स में अंग्रेजी वर्णमाला में लिखें।
अनुच्छेद-(I)
कुछ लेखक कहते हैं कि शेर ऐसे दहाड़ता है कि उसकी दहाड़ की आवाज एक बार में दो-तीन दिशाओं में आती प्रतीत होती है। यह बात वैसी असंभव नहीं है, जैसी लगती है, क्योंकि पक्षियों की और कीटों की बहुत-सी प्रजातियों में यही चकित कर देने वाली शक्ति होती है। स्पष्ट है कि यदि शेर के पास भी यह शक्ति है तो उसके लिए बहुत उपयोगी है; वह अपने शिकार को रात में आतंक की स्थिति में डाल देगा और वह इससे डरकर उससे दूर भागने के बदले अपने शिकारी की ओर ही भाग सकते हैं।
प्रश्न. यह अद्भुत शक्ति शेर के लिए इस रूप में उपयोगी हो सकती है कि उसका शिकार-
- उससे दूर भाग सकता है।
- कई फीट दूर होने से सुन नहीं सकता।
- उसकी ओर भागा आ सकता है।
- छिपा ही रह सकता है।
उत्तर: 3
प्रश्न. ‘बहुत’ का पर्यायवाची है?
- जरूरी
- अधिक
- आशा करना
- सघन
उत्तर: 2
प्रश्न. आतंक का अर्थ है ……….. का भाव–
- आश्चर्य
- बहुत भय
- बहुत दुख
- प्रसन्नता
उत्तर: 2
प्रश्न. शेर की दहाड़ आती हुई लगती है?
- आप यदि उसके पास हों
- एक ही दिशा से
- दो या तीन दिशाओं से
- केवल जंगली जानवरों को
उत्तर: 3
प्रश्न. बहुत से ………. के पास यही शक्ति होती है।
- बाघों और लकड़बग्घों
- शिकार बनने वाले पशुओं
- बड़े लगने वाले पक्षियों
- पक्षियों और कीटों की प्रजातियों
उत्तर: 4
अनुच्छेद-(II)
एक समय एक तोता था जो अन्य बहुत से तोतों के साथ एक अंजीर के पेड़ में रहता था। वे सब पके फलों को खाने का आनंद उठाते थे और पेड़ पर खुशी से रहते थे । कुछ साल में अंजीर का पेड़ बूढ़ा हो गया और उसने फल देना बन्द कर दिया। केवल एक को छोड़कर अधिकांश तोते उड़कर भाग गए। उसने कहीं भी जाने से इंकार कर दिया। देवताओं के राजा सक्का ने तय किया कि वह तोते कि परीक्षा लेगा। वह हंस का वेश बदलकर तोते के पास आया और पूछा कि उसने अभी तक पेड़ को क्यों नहीं छोड़ा। तोते ने उत्तर दिया, “ मैं अपने मित्र को नहीं छोड़ सकता, क्योंकि उसने बरसों तक मुझे भोजन दिया है।”
यह सुनकर सक्का प्रसन्न हो गया। वह तुरंत अपने पुराने रूप में आ गया और बोला, “पेड़ के प्रति तुम्हारी भावनाओं से मैं प्रभावित हुआ। “उसके बाद उसने तोते से कहा, “तुम क्या चाहते हो, मुझसे माँगो।” तोते ने सम्मान में अपना सिर झुकाया और कहा, “महाराज, मेरे मित्र ने अनेक वर्ष तक मुझे शरण दी। उसे शक्ति दीजिए कि उसमें साल भर फल लगें जैसे पहले लगते थे।”
“ऐसा ही हो” सक्का ने कहा और वह अंजीर का वृक्ष जीवित हो गया और फलों से लद गया।
प्रश्न. अनुच्छेद में वेश बदलकर’ का अर्थ है-
- अपना रूप रंग बदलना
- सूरत बिगाड़ देना
- मेकअप करना
- कोई वर्दी पहनना
उत्तर: 1
प्रश्न. तोते ने सक्का से माँगा कि-
- अन्य तोतों को वापिस बुला ले।
- पेड़ सदा जीवित रहे।
- पेड़ फिर से शरण दे।
- पेड़ में साल भर फल लगे।
उत्तर: 4
प्रश्न. कहानी हमें क्या बनने की शिक्षा देती है?
- ईमानदार
- सच्चा
- कृतज्ञ
- ध्यान रखनेवाला
उत्तर: 2
प्रश्न. अधिकांश तोते उड़कर भाग गए, क्योंकि
- वे अब अंजीर के फल का आनंद नहीं ले सकते।
- पेड़ चाहता था कि वे चले जाएँ।
- वे हंस से डरते थे।
- देवताओं का राजा चाहता था कि वे जाएँ।
उत्तर: 1
प्रश्न. तोत ने वहीं रहने का निर्णय लिया, क्योंकि
- वह उहने बहुत आलस्य करता था।
- उसे अंजीर के फल बाहुन प्रिय थे।
- वह स्वार्थी पक्षी नहीं था।
- उसे अन्य फल पसंद नही थे।
उतर: 3
अनुच्छेद-(III)
शीला को रात का आकाश देखना अच्छा लगता है। रात में बहुत सारे तारे चमकते हैं। कभी-कभी, वह अपने पिताजी के कंधों पर चढ़ जाती । उसे लगता वह राजकुमारी है और तारों के और निकट बैठी है। एक दिन दोपहर बाद उसके पिता ने कहा, “हम समुद्रतट को जाने वाले हैं। क्या यह मजेदार नहीं है?” शीला खुश नहीं थी। अगले दिन सुबह वे समुद्रतट को गए और शीला ने सीपियाँ इकट्ठी कीं। शीला को एक अनूठी चीज मिली। यह बड़े संतरी रंग के गुदगुदे तारे- सी लग रही थी। क्या यह आकाश से गिरा ? और यह चमक क्यों नहीं रहा है? “यह तारा नहीं है” उसके पिता मुस्कराए। “यह तारामीन है। यह समुद्र में रहती है” शीला ने तारामीन को समुद्र में रख दिया। वे लहरें देखते रहे जो तारामीन को वापस समुद्र की ओर बहा ले गई। इसके बाद शीला और तारामीनों को ढूँढ़ने लगी। उसे तारे और तारामीन दोनों पसंद है। उसने समुद्रतट पर लाने के लिए अपने पिता को धन्यवाद दिया।
प्रश्न. तारामीन के बारे में कौन-सा कथन सत्य है?
- आकाश से गिरी थी।
- चमक रही थी।
- संतरी रंग की थी।
- मरी हुई थी।
उत्तर: 3
प्रश्न. ‘अनूठी’ का क्या अर्थ है?
- अनोखी
- बुरी
- डरावनी
- मजेदार
उत्तर: 1
प्रश्न. आपके विचार में शीला क्या है?
- सुंदर राजकुमारी
- सीपियाँ बेचने वाली लड़की
- समुद्रतट पर रहने वाली लड़की
- छोटी और प्यारी बच्ची
उत्तर: 4
प्रश्न. शीला को क्या करना पसंद नहीं था?
- पिता के कंधों पर चढ़ना
- सीपें एकत्र करना
- समुद्रतट पर जाना
- तारामीन एकत्र करना
उत्तर: 3
प्रश्न. शीला ने समुद्रतट पर क्या किया?
- आकाश को देखा
- तारामीनों को एकत्र किया
- सीपें एकत्र की
- तारे देखे
उत्तर: 3
अनुच्छेद-(IV)
एक शेर अपनी गुफा में लेटा था। उसने बड़ा आहार कर लिया था और उसे नींद आ रही थी। थोड़ी देर में वह सो गया। एक छोटा चूहा भागता हुआ गुफा में पहुँचा और उधर दौड़ता रहा। वह कुछ खाना ढूँढ़ रहा था उसने शेर को देखा। और उसकी पूँछ से खेलने लगा। वह शेर की पीठ पर दौड़ने लगा। अचानक शेर जाग गया। उसने अपने को झटका और छोटे चूहे को देखा। “तुम मेरी पीठ पर कूद रहे थे” शेर ने कहा, “तुमने मेरी पूँछ से खेला और मेरे कान खींचे। मुझे बहुत क्रोध आया है। मै तुम्हे खाने वाला हूँ।” शेर ने च को अपने बड़े पंजों में उठा लिया।
“नहीं, श्रीमान शेरजी, ” चूहा बोला, “मुझे मत खाइए ” एक दिन मैं आपकी मदद करूंगा।” यह बात बड़ी मजेदार है, ” शेर ने कहा, एक छोटा चूहा बड़े शेर की मदद नहीं कर सकता। फिर भी तुम जाओ। आज मुझे भूख नहीं है।
अगले दिन चूहे ने शेर को देखा। वह एक शिकारी जाल में फँसा था। चूहा दौड़कर शेर के पास पहुँचा। आपकी मदद करूंगा, ” उसने कहा। पूरी रात चूहे ने जाल को काटा और उसमें बड़ा सा छेद कर दिया। शेर बाहर निकल आया। उसने कहा, “धन्यवाद मेरे मित्र | अब मैं समझ गया हूँ कि यदि कोई छोटा और कमजोर भी हो, तो भी वह किसी बड़े और बलवान की मदद कर सकता है।”
प्रश्न. चूहे ने जब शेर को देखा तो क्या किया?
- डरकर भाग गया।
- शेर की पूँछ से खेलने लगा।
- जोर से चूँ-चूँ करने लगा।
- शेर का कान कूतरने लगा।
उत्तर: 2
प्रश्न. शेर ने क्यों कहा, “यह बात बड़ी मजेदार है”?
- उसने सोचा कि छोटा चूहा उसकी मदद नहीं कर सकता।
- उसने सोचा कि चूहा बड़ा मजेदार है।
- उसने सोचा कि चूहा मजेदार कहानी सुना रहा है।
- उसने सोचा कि चूहा कुछ मजेदार काम कर रहा है।
उत्तर: 1
प्रश्न. इस पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
- चूहे हमेशा शेर की मदद करते हैं।
- यदि चूहे जाल काटें, तो शिकारी चूहे को पकड़ सकते हैं।
- शिकारी चूहे को दोस्ती वाले शेर को नहीं पकड़ सकते।
- छोटे और कमजोर भी बड़े और बलवानों की मदद कर सकते हैं।
उत्तर: 4
प्रश्न. शेर को नींद क्यों आ रही थी?
- उसने लंबी सैर की थी।
- उसने बहुत खाना खा लिया था।
- रात काफी हो गयी थी।
- वह बहुत थक गया था।
उतर: 2
प्रश्न. चूहा इधर-उधर क्यों दौड़ रहा था?
- खाने के लिए कुछ ढूँढ रहा था।
- खेलना चाहता था।
- शेर की रखवाली कर रहा था।
- छिपने की जगह ढूँढ रहा था।
उत्तर: 1
अनुच्छेद-(V)
द्वीप में उगने वाली छोटे घास तथा कैंटीली पत्तियों को बकरियाँ चरती थीं। कुछ मुर्गियाँ उनका पीछा करती थीं। वहाँ एक तरबूजों का और सब्जियों का खेत था। द्वीप के बीच में एक पीपल का पेड़ था। वह वहाँ अकेला पेड़ था। बड़ी बाढ़ के दिनों में भी जबकि पूरा द्वीप पानी में डूब गया था, पेड़ दृढ़ता से खड़ा रहा। यह बूढ़ा पेड़ था। लगभग पचास वर्ष पूर्व बलशाली हवाएँ एक बीज़ को वहाँ उड़ाकर ले गई, उसे दो चट्टानों के बीच शरण मिल गई, वहाँ उसने जड़े जमा दीं और एक छोटे परिवार को छाया और शरण देने के लिए वह बड़ा हो गया।
प्रश्न. द्वीप पर कौन रहता था?
- एक नाविक
- किसानों का बड़ा परिवार
- एक मछुवारा
- एक छोटा परिवार
उत्तर: 4
प्रश्न. पीपल का पेड़ किसने लगाया?
- किसान परिवार ने
- नाविक ने
- हवा और प्रकृति ने
- नदी के पानी ने
उत्तर: 3
प्रश्न. ‘शरण’ का अर्थ है।
- मकान
- छाया
- सुरक्षा
- वर्षा
उतर: 3
प्रश्न. बकरियाँ क्या खाती थीं?
- पीपल के पत्ते
- तरबूज
- सब्जियाँ
- घास और कंटीली पत्तियों
उत्तर: 4
प्रश्न. पीपल का पेड़ कितना पुराना था?
- बीस वर्ष
- पाँच वर्ष
- पचास वर्ष
- दस वर्ष
उत्तर: 3
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